लम्हा-ए-जज़्बात पे हम बहोत रोये
तेरी याद को, याद कर, बहोत रोये |
तुम मेरे थे या दिल तुम्हारा था
बातो-बातो में ये शायर तुझपे हारा था |
मेरी अक्ल की हिदायत क्या कीजे
दिल तुझपे लुटाया अब क्या होसला कीजे |
मेहफ़ूज़ कर तेरी हर बात दिल में
हाय! हम बहोत रोये, बहोत रोये |